गुरुवार, 14 मार्च 2024

कफ़न

बाप ने अपने बेटे की जवान बीबी की ओर देखा और दुखी होकर कहा, “यह इतनी दुःखद है कि हमारे पास इसके लिए कोई उपाय नहीं है। हमारे पास न तो कोई औषधि है और न ही कोई चिकित्सक जो हमारी बीबी को इस पीड़ा से छुड़ा सके। हम बस उसके साथ बैठ कर उसका दुःख सह सकते हैं।” बेटा ने भावुक होकर अपने बाप को आलिंगन किया और कहा, “बापू, हम कोशिश कर सकते हैं। हमारे पास तो उम्मीद है और हमें इस बीमारी का समाधान ढूंढना ही होगा। हम इस जंग में हार नहीं मानेंगे।” यह सुनकर बाप की आंखों में अचानक से एक नयी उम्मीद की किरण उजागर हुई। वह अपने बेटे की बात सुनकर अपनी बीबी की ओर देखते हुए बोले, “तुम सही कहते हो, बेटा। हमें तो अपने दिल की सुननी होगी। हम इस बीमारी से लड़ कर इसे हरा सकते हैं।” बाप-बेटा ने उम्मीद का दीपक जलाया और हर रोज अपनी बीबी के साथ बैठ कर उसका दुःख साझा किया। दिनों दिन उनका प्रयास बेहतर होता गया और उन्होंने अपनी बीबी को एक अच्छे चिकित्सक के पास ले जाकर उसका इलाज कराया। अंत में उनकी मेहनत सफल हुई और उनकी बीबी ठीक हो गई। इस घटना से बाप-बेटे ने सीखा कि जितनी बड़ी भी कठिनाइयां आएं, हमें हर एक को अपना साथ देना चाहिए। हमें अपने आप में और अपनी ताकत में विश्वास रखना चाहिए और हमेशा आगे बढ़ने का साहस दिखाना चाहिए। इसी तरह से हम सभी अपनी हर जंग में जीत सकते हैं।

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