रविवार, 20 अगस्त 2023

हरतालिका व्रत

हरतालिका व्रत हरतालिका व्रत को हरतालिका तीज या तीजा भी कहते हैं। यह व्रत भाद्रपद [1] मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को हस्त नक्षत्र के दिन होता है। इस दिन कुमारी और सौभाग्यवती स्त्रियाँ गौरी-शङ्कर की पूजा करती हैं। विशेषकर उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल और बिहार में मनाया जाने वाला यह त्योहार करवाचौथ से भी कठिन माना जाता है क्योंकि जहां करवाचौथ में चन्द्र देखने के उपरांत व्रत सम्पन्न कर दिया जाता है, वहीं इस व्रत में पूरे दिन निर्जल व्रत किया जाता है और अगले दिन पूजन के पश्चात ही व्रत सम्पन्न जाता है। इस व्रत से जुड़ी एक मान्यता यह है कि इस व्रत को करने वाली स्त्रियां पार्वती जी के समान ही सुखपूर्वक पतिरमण करके शिवलोक को जाती हैं। सौभाग्यवती स्त्रियां अपने सुहाग को अखण्ड बनाए रखने और अविवाहित युवतियां मन अनुसार वर पाने के लिए हरितालिका तीज का व्रत करती हैं। सर्वप्रथम इस व्रत को माता पार्वती ने भगवान शिव शङ्कर के लिए रखा था। इस दिन विशेष रूप से गौरी−शंकर का ही पूजन किया जाता है। इस दिन व्रत करने वाली स्त्रियां सूर्योदय से पूर्व ही उठ जाती हैं और नहा धोकर पूरा श्रृंगार करती हैं। पूजन के लिए केले के पत्तों से मंडप बनाकर गौरी−शङ्कर की प्रतिमा स्थापित की जाती है। इसके साथ पार्वती जी को सुहमें भजन, कीर्तन करते हुए जागरण कर तीन बार आरती की जाती है और शिव पार्वती विवाह की कथा सुनी जाती है। व्रत की अनिवार्यता इस व्रत की पात्र कुमारी कन्याएँ व सुहागिन महिलाएँ दोनों ही हैं परन्तु एक बार व्रत रखने उपरांत जीवन पर्यन्त इस व्रत को रखना पड़ता है। यदि व्रती महिला गंभीर रोगी स्थिति में हो तो उसके स्थान पर दूसरी महिला व उसका पति भी इस व्रत को रख सकने का विधान है। अधिकतर यह व्रत पूर्वी उत्तरप्रदेश और बिहार के लोग मनातें हैं । महाराष्ट्र में भी इस व्रत का पालन किया जाता है क्योंकि अगले दिन ही गणेश चतुर्थी के दिन गणेश स्थापना की जाती है ।व्रत का समापन इस व्रत के व्रती को शयन का निषेध है, इसके लिए उसे रात्रि में भजन कीर्तन के साथ रात्रि जागरण करना पड़ता है। प्रातः काल स्नान करने के पश्चात् श्रद्धा एवम भक्ति पूर्वक किसी सुपात्र सुहागिन महिला को श्रृंगार सामग्री ,वस्त्र ,खाद्य सामग्री ,फल ,मिष्ठान्न एवम यथा शक्ति आभूषण का दान करना चाहिए। यह व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है । प्रत्येक सौभाग्यवती स्त्री इस व्रत को रखने में अपना परम सौभाग्य समझती है ।

शुक्रवार, 7 जुलाई 2023

भूत, प्रेत, टोनही का खौफ और भ्रम हटाने के लिए अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति हरेली में करेगी रात्रि भ्रमण

भूत, प्रेत, टोनही का खौफ और भ्रम हटाने के लिए अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति हरेली में करेगी रात्रि भ्रमण रायपुर. अंधविश्वास, पाखंड व सामाजिक कुरीतियों के निर्मूलन के लिए कार्यरत संस्था अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डाॅ. दिनेश मिश्र ने कहा कि अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति हरेली पर विशेष जनजागरण अभियान चलाएगी, जिसमें जादू-टोने के संबंध में टोनही प्रताड़ना के विरोध में जागरूक करने, टोनही प्रताड़ना के विरोध में शपथ, गांव के निर्जन स्थानों में रात्रिभ्रमण, अंधविश्वास पर पम्पलेट वितरण किया जाएगा. टोनही प्रताड़ना के संबंध में जानकारी और जागरूकता बढ़ाने के लिए पोस्टर वितरित किए जाएंगे और यह पोस्टर ग्राम पंचायतों व सार्वजनिक स्थलों पर चस्पा किए जाएंगे. अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डाॅ. दिनेश मिश्र ने कहा हरियाली के प्रतीक हरेली अमावस्या की रात को ग्रामीणजनों के मन से टोनही, भूत-प्रेत का खौफ हटाने के लिए समिति भ्रमण कर ग्रामीणजनों से सम्पर्क करेगी. डाॅ. दिनेश मिश्र ने कहा कि अंचल में हरियाली अमावस्या (हरेली) के संबंध में काफी अलग अलग मान्यताएं हैं. अनेक स्थानों पर इसे जादू-टोने से जोड़कर भी देखा जाता है, कहीं-कहीं यह भी माना जाता है कि इस दिन, रात्रि में विशेष साधना से जादुई सिद्वियां प्राप्त की जाती है, जबकि वास्तव में यह सब परिकल्पनाएं ही हैं. जादू-टोने का कोई अस्तित्व नहीं है और कोई महिला टोनही नहीं होती. पहले जब बीमारियों व प्राकृतिक आपदाओं के संबंध में जानकारी नहीं थी तब यह विश्वास किया जाता था कि मानव व पशु को होने वाली बीमारियां जादू-टोने से होती है. बुरी नजर लगने से, देखने से लोग बीमार हो जाते हैं और इन्हें बचाव के लिए गांव, घर को तंत्र-मंत्र से बांध देना चाहिए और ऐसे में कई बार विशेष महिलाओं पर जादू-टोना करने का आरोप लग जाता है. इसे भी पढ़ें – सर्पदंश पर ओझा-तांत्रिक के पास न जाएं, डॉक्टर से कराएं इलाज – मनोवैज्ञानिक टिकेश कुमार वास्तव में सावन माह में बरसात होने से वातावरण का तापमान अनियमित रहता है. उसम, नमी के कारण बीमारियों को फैलाने वाले कारकों बैक्टीरिया व कीटाणु अनुकूल वातावरण पाकर काफी बढ़ जाते हैं. गंदगी, प्रदूषित पीने के पानी, भोज्य पदार्थ के दूषित होने, मक्खियां, मच्छरो के बढने से बीमारियां एकदम से बढ़ जाती है. जिससे गांव-गांव में आंत्रशोध, पीलिया, वायरल फिवर, मलेरिया के मरीज बढ़ जाते हैं और यदि समय पर ध्यान नहीं दिया गया हो तो पूरी बस्ती ही मौसमी संक्रामक रोगों की शिकार हो जाती है. वहीं हाल फसलों व पशुओं का भी होता है, इन मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए पीने का पानी साफ हो, भोज्य पदार्थ दूषित न हो, गंदगी न हो, मक्खिंया, मच्छर न बढ़े, जैसी बुनियादी बातों पर ध्यान देने की आवश्यकता है. स्वास्थ्य संबंधी सावधानियां रखने से लोग पशु बीमारियों से बचे रह सकते हैं. इसके लिए किसी भी प्रकार के तंत्र-मंत्र से घर, गांव बांधने की आवश्यकता नहीं है. कोरोना और अन्य संक्रमणों से बचाव के लिए साफ-सफाई, सावधानी, मास्क पहिनना, सोशल डिस्टेन्स रखना, बार-बार हाथ धोना अधिक आवश्यक है, इसके बाद यदि कोई व्यक्ति इन बीमारियों से संक्रमित हो तो उसे फौरन चिकित्सकों के पास ले जाये, संर्प दंश व जहरीले कीड़े के काटने पर भी चिकित्सकों के पास पहुंचे. इसे भी पढ़ें – अंधविश्वास : शादी के 4 साल बाद भी नहीं हुआ बच्चा, झाड़-फूंक कराने पहुंची महिला, तांत्रिक ने हड़पे 50 हजार, करने लगा गंदी बात, फिर की ये डिमांड, डरी-सहमी महिला पहुंची थाने डाॅ. मिश्र ने कहा पिछले कुछ वर्षो से यह देखा जा रहा है कि हरेली अमावस्या को दिन में भी बच्चे व कई लोग जादू-टोने व नजर लगने से बचने के लिए नीम की टहनी, साइकिलों, रिक्शे व गाड़ियों में लगातार घूमते दिखाई देते हैं. पालकों व शिक्षकों को बच्चों को ऐसे अंधविश्वास से बचने की सलाह देना चाहिए. नीम की टहनी तोड़-तोड़कर वृक्ष को नुकसान पहुंचाने के बजाय घर के आसपास नीम के पौधे लगाए ताकि वातावरण शुद्ध हो. बीमारियों से बचने के लिए साफ-सफाई, पानी को छानकर, उबालकर पीने, प्रदूषित भोजन का उपयोग न करने तथा गंदगी न जमा होने देने जैसी बातों पर लोग ध्यान देंगे और स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहेंगे तो तंत्र-मंत्र से बांधनें की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. बीमारियों खुद-ब-खुद नजदीक नहीं फटकेंगी, मक्खिंया व मच्छर किसी भी कथित तंत्र-मंत्र से अधिक खतरनाक है. डाॅ. मिश्र ने कहा हरेली अमावस्या पर भी अंधविश्वास, जादू-टोने, टोनही की मान्यता के विरोध में जरूरी चलाया जा रहा ‘‘कोई नारी टोनही नहीं अभियान’’ जारी रहेगा. जिसमें टोनही, भूत-प्रेत का खौफ मिटाने के लिए व भ्रम दूर करने के लिए समिति के सदस्य रात्रि में भ्रमण कर ग्रामीणों से सम्पर्क कर भ्रम व अंधविश्वास दूर कर वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने का प्रयास करेंगे.

CG VYAPAM !!! Cg Vyapam Recruitment 2023 | छत्तीसगढ़ व्यापम में निकली बंपर भर्ती

Cg Vyapam Recruitment 2023 | छत्तीसगढ़ व्यापम में निकली बंपर भर्ती CG Vyapam Recruitment 2023 छत्तीसगढ़ व्यापम के माध्यम से छत्तीसगढ़ प्रदेश में Cg Sarkari Naukri की खोज कर रहे छत्तीसगढ़ राज्य की 12वीं, ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट पास महिला पुरुष अभ्यर्थियों के लिए नौकरी पाने का सुनहरा मौका, दरअसल हाल ही में छत्तीसगढ़ व्यवसायिक परीक्षा मंडल रायपुर ने छत्तीसगढ़ राज्य सरकार के विभिन्न सरकारी विभागों में विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए Cg Govt Jobs नोटिफिकेशन जारी किया है। छत्तीसगढ़ व्यापम भर्ती 2023 के लिए योग्य एवं इच्छुक महिला पुरुष उम्मीदवार सीजी व्यापम की ऑफिशियल वेबसाइट vyapam.cgstate.gov.in के माध्यम से अंतिम तिथि से पहले अपनी संपूर्ण शैक्षणिक योग्यता संबंधित दस्तावेजों के साथ CG Vyapam Online Form प्रस्तुत कर सकते है। CG Vyapam Jobs 2023 के अंतर्गत अभ्यर्थियों की नियुक्ति लिखित परीक्षा मेरिट सूची के आधार पर किया जावेगा साथ ही चयनित होने वाले अभ्यर्थियों को छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा सातवां वेतनमान के आधार पर प्रतिमाह वेतन भुगतान किया जावेगा। Chhattisgarh Vyapam Vacancy की विभागीय विज्ञापन, आवेदन प्रक्रिया, चयन प्रक्रिया, अंतिम तिथि, सिलेबस एवं अन्य महत्वपूर्ण जानकारी नीचे दी गई है। जहां से आप CG Vyapam Exam 2023 की विस्तृत जानकारी अवलोकन कर सकते हैं। CG Vyapam Bharti 2023 Notification छत्तीसगढ़ महिला सुपरवाइजर भर्ती 2023 संस्था का नाम छत्तीसगढ़ व्यापम पद का नाम महिला सुपरवाइजर पदों की संख्या 440 पद योग्यता 12वीं / ग्रेजुएट पास प्रारंभिक तिथि 15/07/2023 अंतिम तिथि 05/08/2023 संस्था का नाम छत्तीसगढ़ व्यापम पद का नाम महिला सुपरवाइजर पदों की संख्या 440 पद योग्यता 12वीं / ग्रेजुएट पास प्रारंभिक तिथि 15/07/2023 अंतिम तिथि 05/08/2023 छत्तीसगढ़ व्यापम श्रम निरीक्षक भर्ती 2023 संस्था का नाम छत्तीसगढ़ व्यापम पद का नाम श्रम निरीक्षक पदों की संख्या 34 पद योग्यता ग्रेजुएट पास प्रारंभिक तिथि 06/05/2023 अंतिम तिथि 30/05/2023 Cg Vyapam Jobs Required Documents छत्तीसगढ़ व्यापम वैकेंसी के लिए आवश्यक दस्तावेज » शैक्षणिक योग्यता » पहचान पत्र » जाति प्रमाण पत्र » निवास प्रमाण पत्र » जन्म तिथि प्रमाण पत्र » पासपोर्ट साइज फोटो » रोजगार पंजीयन प्रमाण पत्र » अन्य दस्तावेज प्रश्न 1 : छत्तीसगढ़ व्यापम में कितने पदों पर भर्ती निकली है? उत्तर: छत्तीसगढ़ व्यापम ने 10वीं, 12वीं, ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट पास के लिए लगभग 19500 पदों पर भर्ती हेतु CG Vyapam Notification 2023 जारी किया है। इसके अलावा Cg Vyapam Upcoming Vacancy 2023 के लिए Cg Vyapam Exam Calendar 2023 भी जारी किया है। प्रश्न 2 : छत्तीसगढ़ व्यापम वैकेंसी के लिए शैक्षणिक योग्यता क्या है? उत्तर: CG Vyapam Bharti 2023 के लिए अभ्यार्थी को 10वीं, 12वीं, स्नातक उत्तीर्ण होना चाहिए हैं। प्रश्न 3 : सीजी व्यापम भर्ती के लिए आवेदन कैसे करें? उत्तर: CG Vyapam New Vacancy 2023 के लिए इच्छुक उम्मीदवार Chhattisgarh Professional Examination Board की ऑफिशल वेबसाइट vyapam.cgstate.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन भर सकते हैं। प्रश्न 4 : छत्तीसगढ़ व्यापम जॉब्स में सैलरी कितनी मिलती है? उत्तर: छत्तीसगढ़ व्यापम परीक्षा के माध्यम से जिन अभ्यर्थियों का चयन होता है उन्हें सरकार द्वारा प्रतिमाह सातवां वेतनमान के आधार पर वेतन भुगतान किया जाता है।